जन्नत हासिल करने और जहन्नम बचने की दुआ
Jannat hasil karne aur Jahannam se bachne ki Dua
हज़रत अबू सईद ख़ुदरी रज़ियल्लाहु अन्हु की रवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लहु अलैहि ने फ़रमाया:
जो कोई यह (नीचे लिखी हुई) दुआ पढ़ेगा, उसके लिए जन्नत वाजिब (अनिवार्य) हो जाएगी।
पहली दुआ
رَضِيتُ بِاللَّهِ رَبًّا وَبِالإِسْلاَمِ دِينًا وَبِمُحَمَّدٍ نَبِيّـاً وَ رَسُولاً
उच्चारण
रज़ीतु बिल्लाहि रबबान व बिल-इस्लामि दीनन व बि-मुहम्मदिन नबिय्या व रसूला।
Razeetu billahi rabba, wabil-islami deena, wa bi-Muhammadin nabiyya.
अनुवाद
मैं अल्लाह को अपना रब (इश्वर) इस्लाम को अपना दीन (धर्म) और मुहम्मद (सल्लल्लहु अलैहि वसल्लम) को अपना रसूल मानता हूं।
(अबू दाऊद: 1529)
दूसरी दुआ
اَللّٰھُمَّ إِنِّيْ أَسْأَلُکَ الْجَنَّةَ وَ أَعُوذُ بِكَ مِنَ النَّارِ
उच्चारण
अल्लहुम्मा इननी अस-अलुकाल-जन्नता व अऊज़ु बिका मिनन-नार।
Allahumma inni as’alukal Jannata, wa Auzu bika minan-Naar.
अनुवाद
हे अल्लाह! मैं आपसे जन्नत और जहन्नम की सज़ा से रक्षा (बचाव) माँगता हूँ।
(Abu Daud: 792-793)
अनस इब्न मलिक रज़ियल्लाहु अन्हु की रिवायत है, उन्होंने फ़रमाया:
अल्लाह के रसूल (सल्लल्लहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया:
जो कोई भी आदमी अल्लाह से तीन बार जन्नत के लिए दुआ करेगा, जन्नत उसके लिए कहेगी, ऐ अल्लाह! उसे जन्नत में दाखिल करो।
और जो आदमी तीन मर्तबा जहन्नम से पनाह मांगेगा, तो जहन्नम उसके लिए अल्लाह से कहेगी, ऐ अल्लाह! उसे जहन्नम से मुक्त दो।
(तिर्मिज़ी शरीफ: 2572)
जो दुआ पढ़ने से जन्नत में पेड़ लगाए जाते हैं
हज़रत जाबिर (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत, नबी (सल्लल्लहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया:
जो आदमी यह दुआ पढ़ता है, उसके लिए जन्नत में एक खजूर का दरख्त (पेड़) लगाया जाता है।
तीसरी दुआ
سُبْحَانَ اللَّهِ الْعَظِيمِ وَبِحَمْدِهِ
उच्चारण
सुबहानल्लहिल अज़ीमि व बि-हमदिही।
Subhan-allhil Azeemi wa bi-hamdihi.
अनुवाद
पाक है अल्लाह त’आला, और सारी हम्द व सना उसी के लिए है, पाक है बड़े अज़मत वाला अल्लाह।
(तिर्मिज़ी शरीफ़: 3464)
सारे मुस्लिम उम्मतों के लिए जन्नत की दुआ
दुनिया के सभी मुस्लिम उम्मतों की जन्नत के लिए यह दुआ पढ़ें।
चौथी दुआ
उच्चारण
रब्बना व अदखिल-हुम जन्नाति अदनि-निल्लती व अत-तहुम व मन सलाहा मिन आबाइ-हिम व अज़वाजि-हिम व ज़ुररिय्याति-हिम इन्नाका अनताल अज़ीज़ुल हकीम।
व किहिमुस-सय्यिआत व मन ताकिस-सय्यिआति यवमाइज़िन फकद रहिमताह व ज़ालिका हुवल-फावज़ुल अज़ीम।
Rabbana wa adkhil-hum jannati adni-nillati wa attahum wa man salaha min abaai-him wa azwaaji-him wa zurriyyati-him innaka antal-azeezul-hakeem.
Wa qihimus sayyiati wa man taqis-sayyiati yawmaizin faqad rahimtahu wa zaalika huwal fawzul azeem.
(सूरह मोमिन: 8-9)
अनुवाद
ऐ हमारा रब! और उन्हें हमेशा रहने के बाग़ों (जन्नतों) में दाख़िल किजिए जिनका आपने उनसे वादा किया है और उनके बाप-दादा और उनकी बीवियों (पत्नियों) और उनकी औलादों (बच्चों) में से जो काबिल) योग्य हुए उन्हें भी।
बेशक (निस्संदेह) आप ज़बरदस्त हिक्मत वाले (प्रभुत्वशाली अत्यन्त तत्वदर्शी) हैं।
और उन्हें गुनाहों से बचाइए। आप जिसे उस दिन से बचा लिया, तो निश्चय ही उसपर तूने दया की। और वही बड़ी सफलता है।
जहन्नम से बचने की दुआ
पहली दुआ
رَبَّنَا إِنَّنَا اٰمَنَّا فَاغْفِرْ لَنَا ذُنُوْبَنَا وَقِنَا عَذَابَ النّارِ
(सूरह अले-इमरान: 16)
उच्चारण
रब्बना इन्नना आमन्ना फगफिर लाना ज़ुनूबाना व किना अज़ाबन-नार।
Rabbana innana amanna fagfir-lana zunubana wa qina azaban-nar.
अनुवाद
ऐ हमारे रब, हमने ईमान लाया। अतः हमारे गुनाहों को माफ़ कर दिजिए और हमें आग की अज़ाब से बचाइए।
दूसरी दुआ
رَبَّنَا اصۡرِفۡ عَنَّا عَذَابَ جَهَنَّمَ ٭ۖ اِنَّ عَذَابَهَا كَانَ غَرَامًا
اِنَّهَا سَآءَتۡ مُسۡتَقَرًّا وَّ مُقَامًا
उच्चारण
रब्बनस-रिफ अन्ना अज़ाबा जहन्नम, इन्ना अज़ाबाहा काना गरामा।
इन्नाहा साअत मुसताकर्रन व मुकामा।
Rabbana-srif Anna azaba jahannam, Inna azabaha kana garama.
Innaha sa-at mustaqrraw wa muqama.
अनुवाद
ऐ हमारा रब! जहन्नम की अज़ाब हमसे दूर कर दिजिए, इसकी अज़ाब भयंकर खतरा है।
रहने और ठहरने के रूप में वह बहुत घटिया जगह है!
वक्फ संशोधन बिल पास हुआ तो कौन ज़िम्मेदार होगा?
अस्सलामु अलैकुम।
प्यारे पाठको!
मेरा नाम मोहम्मद नजामुल हक है, मैं एक इस्लामी मदरसे का शिक्षक हूं।
मैं मदरसा शिक्षा के साथ-साथ ऑनलाइन इस्लामिक लेख भी लिखता हूं, ताकि लोगों को सही ज्ञान मिल सके।
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