इस्लाम में गाना गाने और Music बजाने का हुक्म
Islam mein Gaana Gane aur Music Bajane ka hukm
Islam mein Music Gaana Bajana Haram hai
अल्लाह तबारक व ताला ने कुरआन ए करीम की सूरह लुकमान में फ़रमाया है:
लोगों का एक वर्ग है जो लोगों को अल्लाह के मार्ग से गुमराह करने के लिए आँख मूँद कर संगीत (Gaana) और वाद्ययंत्र इकट्ठा करते हैं, और उनका मज़ाक उड़ाते हैं; उनके लिए अपमानजनक सज़ा है”
(सूरा लुकमान: 06)
बुखारी शरीफ़ की हदीस नं 5590 में है कि पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया:
“निश्चित रूप से मेरे बाद कुछ लोग आएंगे जो ज़िना (व्यभिचार), रेशमी कपड़े, शराब (मादक) पदार्थों और संगीत वाद्ययंत्रों (Gaan Bajana) को वैध (जायज़) मानेंगे”
(बुखारी शरीफ़: 5590)
अबू दाऊद शरीफ़ में इब्नू अब्बास (र.अ.) की रवायत है, पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया,
“निश्चित रूप से अल्लाह तआला ने शराब, जुआ और सभी प्रकार के संगीत वाद्ययंत्रों (Gaana bajana) पर प्रतिबंध लगा दिया है”
(अबू दाऊद: 3696, बयहकी: 628)
अबू उमामा (र.अ.) से रिवायत है, पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया:
“गायकों और नर्तकियों को मत बेचो, उन्हें मत खरीदो, उन्हें संगीत (Music) और संगीत वाद्ययंत्र (Music instrument) मत सिखाओ, उनकी कमाई हराम है”
(जामे तिरमिजी़: 3195)
इस हदीस में संगीत के किसी भी साधन की मनाही है… तो आइए हम सब सावधान/जागरूक रहें।
आजकल मोबाइल फोन के ज़रिए गाने सुनते रहते हैं, ख़ास कर नौजवान रात को सोते हुए गाने चलाकर सो जाते हैं।
अल्लाह न करे, अगर उस हालत में उसकी मौत हो जाए तो क्या होगा इसका एहसास तक नहीं है।
अल्लाह से डरिए और हर तरह के गाने बजाने से दूर रहें।
अल्लाह हमें समझने की तौफ़ीक़ दे, आमीन।
अस्सलामु अलैकुम।
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मेरा नाम मोहम्मद नजामुल हक है, मैं एक इस्लामी मदरसे का शिक्षक हूं।
मैं मदरसा शिक्षा के साथ-साथ ऑनलाइन इस्लामिक लेख भी लिखता हूं, ताकि लोगों को सही ज्ञान मिल सके।
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