औलाद हासिल करने की कुरआनी दुआ व अमल
Aulaad haasil karne ki Qurani Dua & Amal
औलाद (बच्चे) दुनिया में अल्लाह की एक बहुत बड़ी नेमत है।
शादी के बाद शादीशुदा पति-पत्नी के मन में एक ही इच्छा होती है कि उनके जीवन में एक सुंदर सा बच्चा आए, चाहे वह बेटा हो या फिर बेटी।
और जब ये ख्वाहिश (इच्छा) पूरी नहीं होतीं, तो वे विभिन्न ग़ुमराही तरीकों की तरफ़ जाते हैं, और उन्हें बस अपना मकसद पूरा करना है, चाहे कोई भी तरीका हो।
जायज़ व नाजायज़ और हराम से उनका कोई लेना-देना नहीं होता।
याद रखना चाहिए कि औलाद (संतान) केवल अल्लाह ताला ही दे सकता है, दुनिया में कोई भी इस जरूरत को पूरी नहीं कर सकता।
इसलिए बिना किसी दूसरे तरीकों का सहारा लिए सिर्फ़ अल्लाह से मदद मांगनी चाहिए।
इस आर्टिकल में कुछ कुरान की ख़ास अमल व दुआएं लिखे गए हैं, अगर आप उन्हें नियमित रूप से करते हैं, तो इंशा अल्लाह एक दिन अल्लाह आपकी दुआ ज़रूर कबूल करेगा।
जो लोग औलाद की सुख से महरूम (वंचित) हैं उन्हें कुछ तरीके नियमों का पालन करना चाहिए:
- सबसे पहले अगर पति-पत्नी के दरम्यान शारीरिक समस्याएं (प्रॉब्लेम) हैं तो किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाकर कमी को दूर करने की कोशिश करें।
- सच्चे दिल से अल्लाह के सामने अपनी गरीबी और कमज़री जाहिर करें और अल्लाह से दुआएं करते रहें।
- ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेगफार करते (अल्लाह से अपने सारे गुनाहों से माफ़ी मांगते) रहें।
इसके अलावा, मियां बीवी (पत्नी-पति) दोनों को निम्नलिखित (निचे लिखे गए) दुआ सात (7) बार पढ़नी चाहिए।
हमेशा चलते-फिरते समय ज़्यादा से ज़्यादा यह दुआ इस यकीन के साथ पढ़ते रहें कि अल्लाह ज़रूर हमें कोई बच्चा अता करेगा।
औलाद हासिल करने की कुरआनी दुआ व अमल
दुआ
رَبِّ لَا تَذَرْنِي فَرْدًا وّأَنتَ خَيْرُ الْوَارِثِينَ
(सूरह अल-अनबिया: 89)
उच्चारण
रब्बी ला-तज़रनी फरदान वा अंता खैरुल वारिसीन।
Rabbi laa-tazarni fardan wa anta khairul waariseen.
अनुवाद
हे मेरे अल्लाह! आप मुझे बेऔलाद (नि:सन्तान) मत छोड़िए, आप तो सबसे अच्छा वारिस हैं।
दुआ कैसे पढ़ें और अमल कैसे करें?
हर पांच वक्त की नमाज़ के बाद पति-पत्नी दोनों इस दुआ को 7 बार पढ़ें।
और दिन-रात जितना हो सके पढ़ते रहें, इन शा अल्लाह नतीजा अच्छा होगा।
बुज़ुर्गाने-दीन में यह भी फ़रमाते हैं कि पति और पत्नी दोनों को सोने से पहले “सूरह अन-नज्म” आयत नंबर 45 (पैंतालीस) 46 (छियालीस) और 47 (सैंतालीस) पढ़नी चाहिए।
आयतें यह हैं
- وَأَنَّهُ خَلَقَ الزَّوْجَيْنِ الذَّكَرَ وَالْأُنْثَى (45)
- مِنْ نُطْفَةٍ إِذَا تُمْنَى (46)
- وَأَنَّ عَلَيْهِ النَّشْأَةَ الْأُخْرَى (47)
उच्चारण
- व-अन्नहु खलाक़ज़ ज़ौज़ैनिज़ ज़कारा वल उन्सा। (45)
- मिन नुत-फतिन इज़ा-तुम्ना। (46)
- व-अन्ना अलैहिन नशअतल उख़रा। (47)
अनुवाद
- और वही है जिसने मर्द और औरत का जोड़ा पैदा किया। (45)
- जब यह शुक्राणु से बाहर निकल जाता है। (46)
- और बेशक दोबारा पैदा करना उसी के ज़िम्मे है। (47)
नेक औलाद हासिल करने की कुरानी दुआ व अमल
ऊपर जो दुआ व अमल लिखी गई वह ख़ासतौर पर उन लोगों के लिए हैं जिनकी औलाद नहीं हो रही है।
और (आगे) नीचे दी गई दुआएँ विशेष रूप से नेक औलाद (नेक बच्चों) के लिए हैं।
लेकिन जिनके बच्चे नहीं हो रहे हैं उन्हें यह सारी दुआएं पढ़नी चाहिए, वरना अल्लाह न करे, उनके बच्चे तो होंगे लेकिन नेक नहीं होंगे।
और हमारी इच्छा व ख्वाहिश यही है कि हमें कोई ईमानदार, नेक, सालेह बच्चा मिले।
अल्लाह हम सभी को नेक और सालेह औलाद अता करे, आमीन।
पहली दुआ
رَبِّ هَبْ لِى مِنَ ٱلصَّـٰلِحِينَ
(सूरह अस-सफ़्फात: 100)
उच्चारण
रब्बी हवली मिनस-सलिहीन।
Rabbi Habli Minas-Saliheen.
अनुवाद
हे मेरे अल्लाह!
मुझे नेक बच्चे अता किजिए।
दूसरी दुआ
رَبِّ هَبْ لِي مِن لَّدُنكَ ذُرِّيَّةً طَيِّبَةً ِۖنَّكَ سَمِيعُ الدُّعَاءِ
(सूरह अले-इमरान: 38)
उच्चारण
रब्बी हब्ली मिल्लदुनका ज़ुर्रिय्यतन तय्यिबाह, इन्नाका समीउद दुआ’ई।
Rabbi habli min-ladunka zurriyatan tayyibah, innaka sameeud du’aaa.
अनुवाद
हे हमारे भगवान! अपनी ओर से मुझे उत्तम संतान प्रदान करें। निश्चय ही आप प्रार्थना स्वीकार करने वाले हैं।
अस्सलामु अलैकुम।
प्यारे पाठको!
मेरा नाम मोहम्मद नजामुल हक है, मैं एक इस्लामी मदरसे का शिक्षक हूं।
मैं मदरसा शिक्षा के साथ-साथ ऑनलाइन इस्लामिक लेख भी लिखता हूं, ताकि लोगों को सही ज्ञान मिल सके।
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