आंखों की कमज़ोरी दूर करने और आंखों को स्वस्थ रखने के लिए 100% परिणाम वाली दुआ व अमल
Ankhon ki Kamzori dur karne aur Ankhon ko swast rakhne ke liye 100% parinaam wali Dua & Amal
अल्लाह तबारक वा ताआला ने लोगों को अनगिनत नेमतें अता की हैं।
इन्सान के शरीर में जो कुछ भी है सब कुछ बहुत ही कीमती नेमतें (संसाधन) हैं।
शरीर में मौजूद हर चीज़ अल्लाह की नेमत और लोगों के लिए बहुत ही कीमती चीज़ और अल्लाह की तरफ़ से अमानत है,
इनको सही और स्वस्थ रखना हर इंसान की ज़िम्मेदारी और कर्तव्य है।
अल्लाह ने ये सारी नेमतें इन्सान को दी है, जिनका शुक्रिया अदा करके कोई भी इंसान कभी ख़त्म नहीं कर सकता।
सबसे अनमोल नेमतों में से एक नेमत “आँख ” है।
आंखों की कद्र व महत्व वही आदमी समझ सकता है जिसकी आंखें नहीं हैं।
ankho ki roshni kaise badhaye
और जिनकी आंखें कमज़ोर हैं, इस अमल को करने के बाद धीरे-धीरे कमज़ोरी दूर हो जाएगी, इन शा अल्लाह।
और जिनकी आंखों में किसी प्रकार की कोई समस्या व कमज़ोरी नहीं है वे भी अल्लाह ताला का शुक्रिया अदा करते हुए यह अमल नियमित रूप से करते रहें, ताकि उनकी आंखें हमेशा सही सलामत रहे।
अगर आप पवित्र कुरान के सूरह नंबर 50, सूरह काफ़, आयत 22 के कुछ हिस्सों का अमल करते हैं, तो आपको सभी प्रकार की आंखों की कमज़ोरी से छुटकारा मिल जाएगा, इंशा अल्लाह।
यदि नज़र कमज़ोर है तो आंखों की रोशनी बढ़ जाएगी।
अगर कोई समस्या न हो तो यह अमल आंखों में समस्या होने से रोकेगा।
अगर दर्द है तो दर्द भी दूर हो जाएगा, इन शा अल्लाह।
मैं बाल्यकाल (बचपन) से यह अमल करता आ रहा हूं, अलहम्दु लिल्लाह मेरी आंखों में अब तक कोई दिक्कत, परेशानी और कमज़ोरी नहीं है।
आँखों की चमक बढ़ाने और आँखों को स्वस्थ रखने की दुआ
दुआ
فَکَشَفْنَا عَنْکَ غِطَاءَ کَ فَبَصَرُکَ الْیَوْمَ حَدِیْدٌ
(सूरह काफ़, आयत नंबर: 22)
उच्चारण
फाकाशफ़ना अनका गिताअका फबासरुकल यउमा हदीद।
fakashafna anka gitaa-aka fabasarukal yawma hadeed
अनुवाद
अब हमने तुझ पर से तेरा पर्दा हटा दिया है, और आज तेरी दृष्टि तेज है!
कैसे अमल करना है?
आँखों की चमक व रोशनी बढ़ाने और आँखों को स्वस्थ रखने की दुआ व अमल
इस आयत को हर पांच बार (फ़र्ज़ नमाज़ के बाद या सुन्नत और नफ़ल सभी) नमाज़ों के बाद तीन बार पढ़कर दोनों हाथों के अंगूठे के नाखूनों पर फूंक मारकर दोनों आँखों पर मसेह कर लें (दोनों आंखों पर मल लें)।
इंशा अल्लाह, आंखों की सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाएंगी।
इसके अलावा हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद 11 बार “या नूर” पढ़कर उंगलियों पर फूंक मारकर आंखों पर मलने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखें स्वस्थ रहती हैं।
अस्सलामु अलैकुम।
प्यारे पाठको!
मेरा नाम मोहम्मद नजामुल हक है, मैं एक इस्लामी मदरसे का शिक्षक हूं।
मैं मदरसा शिक्षा के साथ-साथ ऑनलाइन इस्लामिक लेख भी लिखता हूं, ताकि लोगों को सही ज्ञान मिल सके।
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